गुरुकुल प्रभात आश्रम

गुरुकुल के उत्सव

यत्र बाणाः सम्पतन्ति कुमाराः विशिखा इव साम. उ. ९.३.६.३

मकर संक्रान्ति पर्व                                                                           

इस पर्व पर गुरुकुल वार्षिकोत्सव मनाता हुआ ब्रह्मचारियों की प्रतिभा का प्रदर्शन, विद्वानों के भजन व प्रवचन बडे़ ही हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न करता है। इसी दिन नव प्रविष्ट ब्रह्मचारियों का यज्ञोपवीत व वेदारम्भ संस्कार भी सम्पादित किया जाता है। इस दिन खिचड़ी का प्रसाद पाने अपार जनसमूह एकत्रित होता है। पूरे दिन यह ऋषि लंगर सबको तृप्त करता रहता है।

वेदसंगोष्ठी                                                                         

ऋग्वेद के मूर्धन्य विद्वान् स्वामी समर्पणानन्द जी के जन्मदिवस (श्रावण शुक्ल एकादशी) व निर्वाणदिवस (१३ जनवरी) के अवसर पर वर्ष में दो बार वेदविषय में अखिल भारतीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य विविध विषयों में वेद व वेदांगों का मन्तव्य जन मानस तक पहुँचाना है। अतः अनेक वैदिक विद्वानों को तत्-तत् विषय पर शोध प्रस्तुत करने हेतु निमन्त्रित किया जाता है। ये सभी लेखसंग्रह मूल्यांकित त्रैमासिक शोधपत्रिका पावमानी में प्रकाशित किये जाते हैं। यह कार्य १९८६ से सतत चल रहा है। वर्तमान में यह कार्य डा० सोमदेव शतांशु, डा० वाचस्पति मिश्र तथा डा० वेदव्रत आदि गुरुकुल के स्नातकों के तत्त्वावधान में सतत अग्रसर है। इस शोध पत्रिका के माध्यम से वैदिक संहिताओं, ब्राह्मणों, आरण्यकों, उपनिषदों तथा वेदाङ्गों में निहित विविध गूढ़ रहस्यों को जन सामान्य तक पहुँचाकर गुरुकुल के संस्थापक पूज्य स्वामी समर्पणानन्द जी के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है।

जनचेतना महायज्ञ                                                                        

अपनी विश्व की प्राचीनतम संस्कृति सभ्यता के प्रति जनता में नई चेतना जागृत कर विदेशी दासता के भावों से लोगों को मुक्त करने के लिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाने हेतु यह विशाल बहुकुण्डीय जनचेतना महायज्ञ मेरठ के महाराणा प्रताप प्रांगण (जीमखाना मैदान) में प्रतिवर्ष सम्पन्न किया जाता है। जो कि स्वामी जी के ही ब्रह्मत्व में तथा गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के ऋत्विक्त्व में होता है। अनेक भक्त भारतीय वेशभूषा में यज्ञ में उपस्थित होकर गौरवान्वित होते हैं।

गुरु पूर्णिमा                                                                          

इस पर्व पर गुरुकुल वार्षिकोत्सव मनाता हुआ ब्रह्मचारियों की प्रतिभा का प्रदर्शन, विद्वानों के भजन व प्रवचन बडे़ ही हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न करता है। इसी दिन नव प्रविष्ट ब्रह्मचारियों का यज्ञोपवीत व वेदारम्भ संस्कार भी सम्पादित किया जाता है। इस दिन खिचड़ी का प्रसाद पाने अपार जनसमूह एकत्रित होता है। पूरे दिन यह ऋषि लंगर सबको तृप्त करता रहता है।

गंगा दशहरा उत्सव                                                                        

इस पर्व पर गुरुकुल वार्षिकोत्सव मनाता हुआ ब्रह्मचारियों की प्रतिभा का प्रदर्शन, विद्वानों के भजन व प्रवचन बडे़ ही हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न करता है। इसी दिन नव प्रविष्ट ब्रह्मचारियों का यज्ञोपवीत व वेदारम्भ संस्कार भी सम्पादित किया जाता है। इस दिन खिचड़ी का प्रसाद पाने अपार जनसमूह एकत्रित होता है। पूरे दिन यह ऋषि लंगर सबको तृप्त करता रहता है।

प्रवचन                                                                         

प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को ध्यान प्रशिक्षण एवं अध्यात्म विद्या का पूज्य गुरुजी महाराज द्वारा उपदेश दिया जाता है। इस कार्यक्रम में गुरुकुल के निकटवर्ति क्षेत्र के शतशः लोग भागग्रहण कर अपने जीवन को धन्य बनाते हैं इस कार्यक्रम के आयोजन में ग्राम सत्तवाई निवासी श्री राजकुमार जी, सुबोध जी तथा अन्य भक्त जनों का सहयोग रहता है।

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"यहां का वातावरण अनुशासन आदि देखकर मुझे ऐसा अनुभव हो रहा है कि आज मैं किसी देवलोक में पहुंच गया हूं"

पद्म श्री क्षेमचन्द्र सुमन

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"अधिक प्रभावित करने वाली इस गुरुकुल की व्यवस्था है, जो शायद ही किसी अन्य गुरुकुल में देखने को मिले"

राजधर्म, भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा का मुखपत्र