काव्य
प्रस्तुत विभाग में पूज्य स्वामी समर्पणानन्द जी महाराज द्वारा विरचित काव्यों का संकलन है ।
पूज्य स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती जी महाराज
"स्वामी पीत्वा प्रसुप्तो घनतिमिरमयी यामिनी मेघमाला, घोरैर्वज्रप्रहारैर्जनयति हृदये वेपथुं मानवानां । भित्तिं स्वीयां खनन्ति प्रतिपलमितरे येक्वचिज्जागरूकाः, त्वामेवाप्यावलम्बं श्लथयति न करं स्वायुधे दुर्गपालः"
विनियोगरहस्यम् (पूज्य स्वामी समर्पणानन्द जी के व्याख्यान से उद्धृत)
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