गुरुकुल प्रभात आश्रम

गुरुकुल प्रभात आश्रम

इदं श्रेष्ठं ज्योतिषां ज्योतिरागात्

पावमानी का नवीन अंक

सोमामृतम्

प्रो. सोमदेव शतांशु के सौप्रस्थानिक समारोह के अवसर पर उनके प्रमुख लेखों का विशेषांक

अप्रैल-जून २०२४

गुरुकुल प्रभात आश्रम

गुरुकुल प्रभात आश्रम वर्तमान युग में भारत की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, परम्परा के दर्शन का एक ज्वलन्त उदाहरण है ...

गुरुकुल प्रभात आश्रम

उपह्वरे गिरीणां सङ्गमे च नदीनाम्, धिया विप्रो अजायत

पूज्य स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती जी

दिगन्ते श्रूयन्ते मदमलिनगण्डाः करटिनः करिण्याः कारुण्यास्स्पदमशमशीलाः खलु मृगाः इदानीं लोकेस्मिन् ननूपमशिखानां पुनरयं नखानां पाण्डित्यं प्रकटयतु कस्मिन् मृगपतिः

पण्डित जी की प्रतिभा में बाणभट्ट, भवभूति, कालिदास के एक साथ दर्शन होते थे । वे शतपथ ब्राह्मण एवं वैदिक ज्ञान के तो अद्भुत व्याख्याता थे ।

आचार्य प्रियव्रत जी कुलपति, गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार

पूज्य स्वामी विवेकानन्द सरस्वती जी

पूज्य स्वामी समर्पणानन्द जी के द्वारा बीजरूप में बोया हुआ गुरुकुल प्रभात आश्रम आज वटवृक्ष की तरह दिग्दिगन्तर में फलीभूत एवं विस्तार को प्राप्त हो रहा है, उसके मूल में तपोनिष्ठ, वीतराग एवं वेदवेदाङ्ग आदि शास्त्रों के मूर्धन्य विद्वान् पूज्य श्रीचरण स्वामी विवेकानन्द सरस्वती जी महाराज का अमूल्य योगदान है ...

"हम तो बस इतना जानते हैं कि गुरुकुल प्रभात आश्रम के कुलाधिपति आचार्य स्वामी समर्पणानन्द जी महाराज जी के शिष्य स्वामी विवेकानन्द जी महाराज हम सभी के लिए वरदान हैं। वे विद्वान् हैं, त्यागी हैं और तपस्वी हैं । ऐसे विवेक बुद्धि सम्पन्न व्यक्तियों से ही समाज समग्र प्रेरणा एवं नई दिशा प्राप्त करता है"

गुरुकुल दर्शन

ब्रह्मचर्येण तपसा राजा राष्ट्रं वि रक्षति। आचार्यो ब्रह्मचर्य्येण ब्रह्मचारिणमिच्छते॥

silhouette of moon and clouds

उपलब्धियां

गुरुकुल प्रभात आश्रम ने गत ५० वर्षों में अनेकविध क्षेत्रों में अपना कीर्तिमान स्थापित करते हुए अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं ...

30+ स्वर्ण पदक

500+ शास्त्र स्मरण

100+ जे.आर.एफ

20+ धर्माचार्य

200+ आचार्य

100+ धनुर्धर

गुरुकुल धनुर्विद्या संस्थान

धन्वना गा धन्वनाजिं जयेम धन्वना तीव्राः समदो जयेम। धनुः शत्रोरपकामं कृणोति धन्वना सर्वाः प्रदिशो जयेम